क्या से क्या होता जा रहा है। सब तरफ इंसानियत स्वाहा हो रही है और इंसान अपने आपको भुलाता जा रहा है। कोई कंचन-कामिनी के पीछे पागल है, कोई अपनी सल्तनत चाहता है, कोई पैसों का भूखा है, कोई जमीन-जायदाद का। कोई मजहब के नाम पर सिक्का चलाना चाहता है, कोई क्षेत्र, भाषा और व्यक्ति […]
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