आर्यधर्म की विशेषताएं जिस आर्य (हिन्दू) धर्म की रक्षार्थ लड़े गये लंबे स्वातंत्र्य समर की कहानी हम लिख रहे हैं उसके विषय में स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने अपनी पुस्तक ‘हिन्दू नाम की प्राचीनता और विशेषताएं’ के पृष्ठ भाग पर लिखा है कि-‘‘यह धर्म (अपने मूल स्वरूप में) जनतंत्रवादी है- अधिनायकवादी नही, बुद्घिवादी है-पैगंबरवादी नही, […]
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सिमट गया साम्राज्य अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में सल्तनत साम्राज्य पर्याप्त विस्तार ले गया था, वह तुगलक काल में सिमटकर छोटा गया। अफगानिस्तान और आज के पाकिस्तान का बहुत बड़ा भाग, जम्मू कश्मीर, राजस्थान का बहुत बड़ा भाग, उत्तराखण्ड, नेपाल, भूटान, सिक्किम, बंगाल और सारा पूर्वाेत्तर भारत, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र और कर्नाटक महाराष्ट्र से […]