हमारा यह संसार वैदिक मान्यता के अनुसार आज से 1 अरब 96 करोड़ 08 लाख 53 हजार 115 वर्ष पूर्व बनकर आरम्भ है। इस समय मानव सृष्टि संवत् 1,96,08,53,116 हवां चल रहा है। यह वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ हुआ है। इस सृष्टि सम्वत् के प्रथम दिन ईश्वर ने मनुष्यों को किस स्थान पर […]
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गाय सृष्टि का सर्वोत्तम प्राणी हैं यह बात शास्त्र कहते है तथा गाय की महत्ता, उपादेयता, आवश्यकता आध्यात्मिक,धार्मिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि कोण से सर्वविदित है। इस बारे में खूब लिखा और कहा गया है तथा यह जानकारी सब को हैं। यहाँ केवल मैं व्यवहारिक रुप में जो हम प्रतिदिन गाय की सेवा करते हैं […]
बिखरे मोती भाग-78 गतांक से आगे….जिस प्रकार अग्नि ईंधन से तृप्त नही होती, जिना ईंधन डालते जाओगे उतनी ही बढ़ती जाती है। ठीक इसी प्रकार स्त्रियों की तृष्णा मांग, कामनाएं पुरूष जितनी पूरी करता जाता है, उतनी ही वे बढ़ती जाती हैं।सागर में नदियां पड़ैं,फिर भी बाढ़ न आय।मृत्यु तृप्त होती नही,सबै मारकै खाय ।। […]
जैसा मन होता है वैसा परिवेश सृजित होता है। इसलिए जीवन में हमेशा कल्पनाओं, लक्ष्यों और भावनाओं को इतना ऊँचा रखें कि इनके साकार हो जाने पर शाही और आनंदमय जीवन प्राप्त हो सके। जो हमारे मन में सूक्ष्म धरातल पर होता है वही कालान्तर में अनुकूलताएं और वैचारिक भावभूमि का सुदृढ़ आधार पाकर स्थूल […]