सुरेन्द्र नाथ गुप्ता भारत में सावन और बरसात एक दूसरे के पर्याय हो गये हैं और यहाँ के सामाजिक जीवन के मनोभावों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन गये हैं। बरसात तो सारे विश्व में होती है परंतु सावन केवल भारत में ही आता है। संसार में कहीं तो नाम मात्र ही बरसात होती है, कहीं […]