डा0 इन्द्रा देवीस्वांगों में पौराणिक ऐतिहासिक एवं लौकिक सभी कथाओं का समावेश होता है। तथा इनका समाज से सीधा सम्बन्ध होता है। कथानक में जमीदारों के अत्याचार पारिवारिक कलह व्यभिचार जातिभेद और सामाजिक विषमता को उभारा जाता है। जन से सम्बन्धित रीति रिवाजों प्रथाओं और मान्यताओं का बोलबाला रहता है। कथा में प्रवाह होता है […]
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आज का चिंतन-04/06/2014
श्रद्धा के पात्र नहीं जो संरक्षण न दे सकें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com सामाजिक विषमताओं और समस्याओं का एक सबसे बड़ा कारण हम भी हैं जो कि ऎसे-ऎसे लोगों को सर चढ़ाए रखते हैं जो किसी काम के नहीं हैं। ऎसे खूब सारे लोग हमारे आस-पास भी हैं और दूर-दूर तक भी […]