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भारतीय संस्कृति

देश के कर्णधार हमारे शिक्षक व शिष्य कैसे हों?

शिक्षा देने व विद्यार्थियों को शिक्षित करने से अध्यापक को शिक्षक व शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिष्य कहा जाता है। आजकल हमारे शिक्षक बच्चों को अक्षर व संख्याओं का ज्ञान कराकर उन्हें मुख्यतः भाषा व लिपि से परिचित कराने के साथ  गणना करना सिखाते हैं। आयु वृद्धि के साथ साथ बच्चा भाषा, कविता, […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

एक प्रोफेसर का मुस्लिम शिष्य से प्रेरक वार्तालाप

डा. मुमुक्षु आर्य प्रोफेसर भारती एवं उनके एक मुस्लिम विद्यार्थी जावेद की भेंट आज बाज़ार में हो गई, जावेद जल्दी में था और बोला  सर ! ईद आने वाली है इसलिए क़ुरबानी देने के लिए बकरा खरीदने जा रहा हूँ, प्रो0 साहिब के मन में तत्काल उन लाखों निर्दोष बकरों, बैलों, ऊँटों आदि का ख्याल […]

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विशेष संपादकीय

समित्पाणि शिष्य की तीन समिधाएं

जब विद्यार्थी विद्याग्रहण कर जीवन को उन्नत बनाने के दृष्टिकोण से गुरूकुल में प्रविष्ट होता था तो वह  समित्पाणि (हाथों में समिधायें लेकर) होकर ही गुरू के पास पहुंचता था। समित्पाणि होकर आने का विशेष महत्व होता था। इसका अभिप्राय था कि जैसे समिधाओं में अग्नि है, पर वह दिखता नही है, उसे एक विशेष […]

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