प्रस्तुति: राहुल आर्य कुछ अपवादों को छोड़कर, वेदार्थ के सम्बन्ध मे अभी तक भी मध्यकालीन पौराणिक आचार्यो तथा आधुनिक पाश्चात्य विद्वानों का दृष्टिकोण ही मान्य है | चाहे वे आधुनिक शिक्षा पद्धति के विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय हो और चाहे प्राचीन पद्धति के शिक्षा केंद्र हो, सर्वत्र सायण-महीधर तथा मैक्स मूलर-मैकडानल-ग्रिफ़िथ आदि के भाष्य पढ़े […]