Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

‘विटप एवं वसुधा’

‘ये प्रथ्वी एक नगीना है,जिसमें सबको जीना है !इसमें सबको खाना है,इसी मे सबको पीना है !!’ ‘इस पीने की प्यास ने हमसे,बहुत बहुत कुछ छीना है !जीवन रूपी इस उपवन का,हर इक पंक्षी रीना है !! ‘ ‘वृक्ष काटकर हमने इस पर,जुल्मों को जो ढाया है !किया उत्खनन इसका हमने,इसको बहुत सताया है !!’ […]

Exit mobile version