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वर्णसंकर हैं ये सारे

सृष्टि का प्रत्येक तत्व अपने मूल गुण धर्म और हर प्राणी अपने मूल स्वभाव की वजह से जाना-पहचाना जाता है। जब इस मूल गुण धर्म और स्वभाव में तनिक सा भी परिवर्तन आ जाए, मिलावट आ जाए या फिर मूल गुणधर्म ही नष्ट हो जाएं तब यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि वह अपने […]

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