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” काव्य-मुक्तक” (वन्देमातरम)

काश्मीर की बातों पे जो मुँह को ताकने लगते हैं,भारत माँ के जयकारे पे बगल झाँकने लगते हैं,कैसे उनसे त्याग समर्पण वाली बातें कर लें हम,वन्देमातरम कहने पर जो होंठ कांपने लगते हैं, जिनको अमृत का भी ढंग से पान नहीं करना आया,जिनको अपनी मात्रभूमि का गान नहीं करना आया,उनके मुख से राष्ट्र्वंदना का कैसे […]

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