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राजनीति तो केवल सत्ता सुख भोगने का एक ज़रिया

निर्मल रानी राजनीति यदि पूरी जि़म्मेदारी,ईमानदारी,पारदर्शिता तथा जनकल्याण आदि के मक़सद को लेकर की जाए तो निश्चित रूप से यह कोई कम पुनीत पेशा नहीं है। परंतु हमारे देश की वर्तमान राजनीति तो गोया केवल सत्ता सुख भोगने का एक ज़रिया बन कर रह गई है। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में प्रधानमंत्री चाणक्य से जब […]

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