जब रोटी देने वाला खुद रोटी को मोहताज हो,दर दर ठोकर खाती यारों भारत माँ की लाज हो ।बचपन तक भी बिलख रहा हो सडकों पर भूखा नंगा,धर्म दिखाकर संत मोलवी करवा देते हों दंगा।नेता जी जब प्यास बुझाने जाते हों मयखाने में,यारों समझो देर नही है पुनः गुलामी आने में।। जब सरकारें रूपये पचहत्तर […]