जो लोग सुनने से पहले अपना निर्णय सुनाने के अभ्यासी होते हैं, वे अच्छे न्यायाधीश और अच्छे वात्र्ताकार नही हो सकते। अच्छा न्यायाधीश और वात्र्ताकार बनने के लिए आपके भीतर दूसरे को सुनने का असीम धैर्य होना चाहिए। सुनवाई का अवसर न्यायालयों में हर पक्षकार को इसीलिए दिया जाता है कि किसी भी पक्षकार को […]
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