भारत में धर्म राजनीति की नकेल रहा है, और राजनीति धर्म की स्थापना का अर्थात मानवता को सर्वोपरि मनवाने का सशक्त माध्यम रही है। धर्म को जिन लोगों ने सम्प्रदाय या रिलीजन माना उन्होंने धर्म और राजनीति के खूनी संबंधों को मानवता के विरूद्घ मानकर धर्म और राजनीति को अलग-अलग करने का प्रयास किया। परंतु सत्य […]