भारत में घोटाले खुलते हैं और अनुसुलझे रहस्यों की भांति अतीत के गर्भ में समाहित हो जाते हैं। हत्याकांड सामने आते हैं और एक अनकहे से किस्से की भांति अदृश्य हो जाते हैं। समय तेजी से दौड़ता है। अगली घटनाएं घटित होती हैं, तो दस बीस पहले घटी घटना को मीडिया में परोसना बंद कर […]