डॉ. शशि तिवारी ये दुनिया बड़ी रंग-बिरंगी है, मोह-माया के इर्द-गिर्द जीवन शुरू हो अंत तक भटकता ही रहता है। जब अंत समय आता है तब बात समझ में आती है कि ऊपरवाले को तो भजा ही नहीं, जीवन और समय रेत की तरह हाथ से रिस गया। कुछ बिरले ही पैदायशी, […]
डॉ. शशि तिवारी ये दुनिया बड़ी रंग-बिरंगी है, मोह-माया के इर्द-गिर्द जीवन शुरू हो अंत तक भटकता ही रहता है। जब अंत समय आता है तब बात समझ में आती है कि ऊपरवाले को तो भजा ही नहीं, जीवन और समय रेत की तरह हाथ से रिस गया। कुछ बिरले ही पैदायशी, […]