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राजनीति

मौन व्रत स्वेच्छा या मजबूरी

नीरज कुमार दूबे गांधीवादी अन्ना हजारे की ओर से शुरू किये गये एक सप्ताह के ‘मौन व्रत’ का उद्देश्य भले ‘आत्म शांति’ घोषित किया गया हो लेकिन इसके आयोजन का समय कुछ और ही कहानी बयां करता है। दरअसल देश में बड़े बदलाव लाने की उम्मीदें जगाने के बाद हजारे पक्ष की ओर से पिछले […]

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