तूफ़ानी लहरें हों अम्बर के पहरे हों पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों सागर के माँझी मत मन को तू हारना जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है राजवंश रूठे तो राजमुकुट टूटे तो सीतापति-राघव से राजमहल छूटे तो आशा मत हार, पार […]