राकेश कुमार आर्यजो कश्मीर कभी जीवन मुक्त होने के लिए हमारे ज्ञानी महात्माओं की ‘योगभूमि’ हुआ करती थी, विडंबना देखिए कि वही कश्मीर मुगल काल में बादशाहों के लिए सैर सपाटे का स्थान बन कर ‘भोगभूमि’ बन गयी और इसी परंपरा को अंग्रेजों ने भी अपने शासन काल में यथावत बनाये रखा।पर स्वतंत्र भारत में […]