राजीव शर्मा “राज” पेड़ों के दर्द को क्यों नही समझते हमपेड़ों के दर्द को कम क्यों नही करते हम पेड़ों के दर्द को क्यों नही समझते हम एक पेड़ तुम भी लगाओएक पेड़ हम भी लगाएंजिस बंजर भूमि पर है मायूसीहर उस कोने में हरियाली लाएंकस्में तो खा लेते है हम सबपर उन कस्मों […]
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