धरती की प्यास बुझा नहरें, धरती पर लातीं हरियाली।विकास की बनती वृहत्त योजना, हर घर में आये खुशहाली। विश्व बैंक समृद्घ राष्ट्र, देते हैं मदद ये बड़ी-बड़ी।पिछड़ापन दूर भगाने को, निर्माण हो रहा घड़ी-घड़ी। जीवनोपयोगी वस्तुओं के, बड़े उद्योग लगाये जाते हैं।शंका होती हमको मन में, क्या कोई हमें बताएगा?विधवा और अनाथ के आंसू, क्या […]