भारत के राष्ट्रनायकों और इतिहास पुरूषों के साथ जो अन्याय हमारे इतिहासकारों और आज तक के दुर्बल नेतृत्व ने किया है, संभवत: उसी के विषय किसी कवि ने कितना सुंदर कहा है- ”धरती की सुलगती छाती के बेचैन शरारे पूछते हैं, जो लोग तुम्हें दिखला न सके, वो खून के धारे पूछते हैं अंबर की […]
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अलवर का प्राचीन इतिहास राजस्थान के अलवर क्षेत्र ने भी समय आने पर भारत की अस्मिता की रक्षार्थ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके विषय में मान्यता है कि महाभारत कालीन शाल्व नामक राजा ने इसे बसाया था। राजा शाल्व कार्तिकावल्क का शासक था। उस समय अलवर का नाम कार्तिकावल्क ही रखा गया था। इसे […]
कलोल भारतीय सैनिक ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’ पर अटूट विश्वास करते हैं। वे कहते हैं और जानते भी हैं कि उन्हें कर्म का अधिकार है, फल का नहीं। वे हमेशा चट्टान की तरह दृढ़ रहते हैं। मगर फिर भी अगर सैनिक को वह न दिया जाए, जिसका कि वह हकदार है, तो मायूसी पैदा होती […]
हम दिन चार रहें या न रहें, तेरा वैभव अमर रहे मां- और रानी पद्मिनी ने कर लिया जौहर भारत के वैभव और गौरव से प्रभावित होकर फे्रंच तत्वज्ञ विक्टर कजिन ने कहा है-”इसमें संदेह नही कि प्राचीन हिंदुओं को वास्तविक ईश्वर का पूर्ण ज्ञान था। उनके विचार,उनका तत्व ज्ञान इतना श्रेष्ठ उदात्त तथा सत्य […]
नारी की वेदों में स्थिति भारत में नारी को उसके नारी सुलभ ममता, करूणा, स्नेह आदि गुणों के कारण अबला भी कहा गया है। परंतु नारी का वेदों ने एकवीरांगना के रूप में भी चित्रण किया है। उसे हर स्थिति में पति की रक्षिका ध्वजवाहिका और शत्रु संहारिका के रूप में भी वर्णित किया गया […]