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संपादकीय

दूध माफिया : मानव जाति के हत्यारे

भारत में एक समय था जब गर्मियों के दिनों में विवाह समारोहों को इसलिए नहीं रखा जाता था कि उन दिनों में दूध की कमी पड़ जाती थी। लोग सर्दियों में विवाहादि करना उचित मानते थे। पर आज की स्थिति में व्यापक परिवर्तन आ चुका है। अब आप एक छोटे कस्बे में भी यदि 50 […]

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