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विशेष संपादकीय

गोली का आदेश नहीं है-दिल्ली के दरबारों से!

भारतीय सेना का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत में सेना के होने की पुष्टि भारत के प्राचीन साहित्य से भली प्रकार होती है। सेना राजा की अहिंसक नीति को राज्य में लागू कराने तथा विदेशी शत्रु से अपने देश की सीमाओं की रक्षा के दायित्व संभालती रही है। ‘राजा की अहिंसक नीति’ से हमारा […]

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महत्वपूर्ण लेख

उखड़े दरबार का प्रलाप

-डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री भारत की जनता ने लोक सभा के चुनावों में जो जनादेश दिया है उससे बुद्धिजीवियों के उस समुदाय में खलबली मची हुई है जो अब तक इस देश के जनमानस को सबसे बेहतर तरीक़े से समझने का दावा करता रहा है । बुद्धिजीवियों का यह समुदाय कैसे निर्मित हुआ , इस […]

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