भारतीय वीर परंपरा का मूल स्रोत पंजाब की गुरूभूमि के प्रति औरंगजेब और उसके अधिकारियों की कोप-दृष्टि बढ़ती ही जा रही थी। पर पंजाब की गुरू परंपरा जनता में औदास्यभाव को समाप्त कर स्वराज्य भाव की ज्योति को ज्योतित किये जा रही थी। मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है :- ”आने न दो अपने निकट औदास्यमय […]