प्रमोद भार्गव इसमें कोई दो राय नही कि दुनिया के साथ कदमताल मिलाने की हमारी कोशिशों में गति आई है। किंतु व्यवस्था की भ्रष्ट सोच, उद्यमियों को हतोत्साहित करने की मानसिकता और संसाधनों के अन्यायपूर्ण बंटवारे के चलते हम पिछड़ रहे हैं। इसे सुधारने के लिए व्यवस्था बनाम लालफीताशाही पर लगाम लगाने की कोशिश अब […]
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