देश में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों का उपहास उड़ाने का खेल लम्बे समय से चल रहा है। तथाकथित वामपंथी बुद्धिजीवी के दिमाग की उपज कहे जाने वाले इन उपहासों के पीछे मात्र यही भाव प्रदर्शित होता है कि जिनसे समाज को प्रेरणा मिलती है, उन्हें किसी प्रकार से मिटाया जाए और उनके प्रति लोगों में […]
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