जब पृथ्वीराज चौहान का तेजोमयी पुण्य प्रताप मां भारती के लिए अपना बलिदान देकर मां के श्री चरणों में विलीन हो गया, और जब ‘जयचंदी-छलप्रपंचों’ के कारण कई दुर्बलताओं ने मां केे आंगन में विदेशी आक्रांता को भीतर तक घुसने का अवसर उपलब्ध करा दिया तो मौहम्मद गौरी की मृत्यु के पश्चात उसके द्वारा भारत […]