रिश्तेदार और गांव वाले अक्सर कहते थे कि पढ़-लिखकर क्या तूं अफसर बन जाएगी। गुस्सा तो बहुत आता था, मगर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाए मैं मन लगाकर पढ़ती थी। इरादा और मजबूत होता था। मैं उन निराशावादी बातें करने वालों को जवाब तो देना चाहती थी, मगर अपनी प्रतिभा से, अपने हुनर से और […]