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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अंत में औरंगजेब ने छत्रसाल को ‘राजा’ मान ही लिया

औरंगजेब छत्रसाल को नियंत्रण में लेकर उसका अंत करने में निरंतर असफल होता जा रहा था। यह स्थिति उसके लिए चिंताजनक और अपमानजनक थी। अब तक के जितने योद्घा और सेनानायक उसने छत्रसाल को नियंत्रण में लेने के लिए भेजे थे, उन सबने छत्रसाल की वीरभूमि बुंदेलखण्ड से लौटकर आकर उसे निराश ही किया। बुंदेलखण्ड […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

औरंगजेब की हर चाल को परास्त किया छत्रसाल ने

छत्रसाल जैसे हिंदू वीरों के प्रयासों को अतार्किक, अयुक्तियुक्त, असमसामयिक और निरर्थक सिद्घ करने के लिए धर्मनिरपेक्षतावादी इतिहास लेखकों ने एड़ी-चोटी का बल लगाया है। इन लोगों ने शाहजहां को ही नही, अपितु औरंगजेब को भी धर्मनिरपेक्ष शासक सिद्घ करने का प्रयास किया है। जबकि वास्तव में ऐसा नही था। डा. वी.ए. स्मिथ ने कहा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

जब बन गया था भारत का भाल शत्रुसाल अर्थात छत्रसाल

जिस समय भारत की स्वतंत्रता को नोंच-नोंचकर खाने वाले विदेशी गिद्घों के झुण्ड के झुण्ड भारत भूमि पर टूट-टूटकर पड़ रहे थे और उन्हें यहां से उड़ाकर बाहर करने के लिए भारत की तलवार अपना पूर्ण शौर्य और पराक्रम दिखा रही थी, उस समय उन गिद्घों के लिए किसी शत्रुसाल की आवश्यकता थी। इस शत्रुसाल […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ऐतिहासिक भवनों एवं किलों की उपेक्षा-2

इस धर्मनिरपेक्षता की रक्षार्थ यदि इन्हें हमारी वीर राजपूत जाति की क्षत्राणियों के हजारों बलिदानों को भुलाना पड़े, उनके जौहर को विस्मृति के गड्ढे में डालना पड़े और उन्हें अधम कहना पड़े तो ये लोग ऐसा भी कर सकते हैं। यह अलाउद्दीन के उस प्रयास को जो उसने महारानी पदमिनी को बलात् अपने कब्जे में […]

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