Categories
विविधा

चेहरे गुलाब नही होते..

जाने क्यूंअब शर्म से,चेहरे गुलाब नही होते..जाने क्यूंअब मस्त मौला मिजाज नही होते….. ….पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें….जाने क्यूं..अब चेहरेखुली किताब नही होते…. सुना है…बिन कहेदिल की बात …समझ लेते थे…गले लगते ही..दोस्त हालातसमझ लेते थे….. तब ना फेसबुकना स्मार्ट मोबाइल था…ना फेसबुकना ट्विटर अकाउंट था…एक चिट्टी से हीदिलों के जज्बातसमझ लेते […]

Exit mobile version