गुरू हरिराय का अपने पुत्र रामराय के प्रति व्यवहार गुरू हरिराय के लिए यह असीम वेदना और कष्ट पहुंचाने वाली बात थी कि उनका पुत्र बादशाह औरंगजेब की चाटुकारिता करने लगे। जबकि उन्होंने अपने पुत्र रामराय को दिल्ली जाने से पूर्व भली प्रकार समझाया था कि बादशाह के समक्ष कोई भी ऐसी बात ना तो […]
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‘सर्व संप्रदाय समभाव’ में विश्वास रखने वाला दारा दाराशिकोह का नाम मुगल वंश के एक ऐसे नक्षत्र का नाम है जिसने विपरीत, परिस्थितियों और विपरीत परिवेश मंज जन्म लेकर भी ‘सर्व संप्रदाय समभाव’ की मानवोचित और राजोचित व्यवस्था में अपना विश्वास व्यक्त किया था और उसके विषय में यह भी सत्य है कि अपने इसी […]