डॉ. सुभाष रस्तोगी विभाजन निस्संदेह इस उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी भयावह त्रासदी थी, जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ लोग उजड़े, आठ से दस लाख लोग नृशंस कत्लोगारत का शिकार हुए। इन्सानियत इतनी शर्मसार हुई कि उसे मुंह तक छिपाने के लिए ठौर नहीं मिला। प्रत्येक धर्म, संप्रदाय, मजहब की इसमें बराबर की भागीदारी थी। भारतीय उपमहाद्वीप […]