डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ गुरुकुल में आचार्य शिष्यों को ज्ञान दे रहे थे, तभी एक जिज्ञासु शिष्य खड़ा हुआ और बोला— गुरुदेव, पृथ्वी पर सबसे भयंकर विष क्या है और सर्वसुलभ अमृत क्या है? गुरुदेव ने उत्तर दिया-वत्स, पृथ्वी पर सबसे भयंकर विष है क्रोध और सर्वसुलभ अमृत है क्षमा, किन्तुज् गुरुदेव गंभीर हो […]
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