के.एम. मुंशी की राष्ट्रबोध कराने वाली टिप्पणी के.एम. मुंशी अपनी पुस्तक ‘ग्लोरी दैट वाज गुर्जर देश’ के पृष्ठ 24 पर लिखते हैं :-‘‘सन 1199 से लेकर 1526 तक के संघर्ष काल का इतिहास दिल्ली सल्तनत की उपलब्धियों के एक पक्षीय वर्णनों से भरा हुआ है, क्योंकि वह दरबारी इतिहासकारों के वर्णन पर आधारित है। जबकि […]