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अन्य कविता

” काव्य-मुक्तक” (वन्देमातरम)

काश्मीर की बातों पे जो मुँह को ताकने लगते हैं,भारत माँ के जयकारे पे बगल झाँकने लगते हैं,कैसे उनसे त्याग समर्पण वाली बातें कर लें हम,वन्देमातरम कहने पर जो होंठ कांपने लगते हैं, जिनको अमृत का भी ढंग से पान नहीं करना आया,जिनको अपनी मात्रभूमि का गान नहीं करना आया,उनके मुख से राष्ट्र्वंदना का कैसे […]

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विविधा

“काव्य मुक्तक”

१-पहुँचकर भी बुलंदी पर कभी अभिमान मत करना,किसी सच्चे तपस्वी का कभी अपमान मत करना,बात कहना सदा ऐसी दिलों में प्रेम भर दे जो,दिलों में मैल हो जिनके वहाँ जलपान मत करना, २-शहीदों को नवाओ माथ वो निष्काम होते हैं,शहीद अल्लाह के बंदे शहीद राम होते हैं,शहीदों की सहादत को कभी मत बाँटना यारो,शहीदों की […]

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