डॉ. वेदप्रताप वैदिक सौ साल पहले तक फिनलैंड के लोग स्वीड भाषा का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने एक दिन तय किया कि वे अपनी भाषा चलाएंगे। बस, दूसरे दिन से ही काम शुरू हो गया। और आज फिनी भाषा के ज़रिए सारा कामकाज अच्छी तरह चल रहा है। असल बात है, तय कर लेना। 1966 […]
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देवेन्द्र सिंह आर्य राजनीतिज्ञों और राजनीति के प्रति लोगों के गिरते विश्वास को देखते हुए यह एक शुभ संकेत है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने कहे को याद रखते हैं और उसे पूरा करने के प्रति गंभीर रहते हैं। प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी एक रैली में कहा था कि दुनिया के दूसरे देशों […]
आजकल संक्रमण का दौर अक्सर आता-जाता रहता है। यह संक्रमण अन्यमनस्कता और उद्विग्नता के सायों को हमारे साथ कर देता है जहाँ मन का उचट जाना स्वाभाविक है और जब मन उचटने लगता है तब मस्तिष्क और शरीर भी अपने-अपने ढंग से शिथिलता को प्राप्त कर लिया करते हैं। यह वह अवस्था है जिसमें आदमी […]
यह संसार एक मेला है जिसमें प्रमुख रूप से दो ही तरह के लोग हैं। एक वे लोग हैं जो भीड़ में शामिल हो जाते हैं और भीड़ का चरित्र अपनाकर भीड़ की तरह ही रहते हैं और सारे काम वे ही करते रहते हैं जो भीड़ करती रही है। भीड़ में शामिल लोग भीड़ […]