कांग्रेस का समाजवाद के प्रति दृष्टिकोण 1955 में आवाड़ी में हुए एक सम्मेलन में देखने को मिला। जब उसने यह प्रस्ताव पास किया- कांग्रेस के उद्देश्य की पूर्ति के लिए …..भारत के संविधान की उद्देशिका और राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में कथित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए योजना इस प्रकार की जानी चाहिए […]
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पांच राज्यों में टिकट बंटवारे को लेकर वैसे तो हर दल में इस समय मारामारी का माहौल है पर यह माहौल भाजपा में कुछ अधिक ही है। इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि इस पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए टिकटों के सर्वाधिक दावेदार इसी पार्टी के मंच पर आये हैं। […]
प्रो. एनके सिंह कांग्रेस अब तक जिस अंदाज में काम करती आई है, उसे छोडक़र अब आगे बढऩे के लिए नई दिशाएं चुननी होंगी। गांधीजी के कार्य के तौर-तरीके मौलिक थे और इसी वजह से आज उनकी गिनती ऐसे राजनेताओं में होती है, जिन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी एक खास छाप छोड़ी है। हालांकि इससे पहले […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर फिर विवाद छिड़ गया है। पश्चिमी बंगाल की सरकार ने नेताजी संबंधी गुप्त फाइलें जनता के लिए खोल दी हैं। 12744 पृष्ठों की 64 फाइलों में से कई बातें सामने आई हैं। उनमें से दो बातें मुख्य हैं। एक तो नेताजी के परिवार के लोगों पर नेहरु-सरकार […]
राहुल गांधी इस समय फिर अज्ञातवास पर हैं। कुंआरे राहुल का अज्ञातवास लोगों का बहुत खलता है। पता नही क्यों नही सोचते लोग कि अंतत: राहुल गांधी भी एक इंसान हैं, और उन्हें भी अपने जीवन को अपने ढंग से जीने का पूरा-पूरा अधिकार है। यह राजनीति है ना ये बड़ी अजीब है। इसे समझना […]
तनवीर जाफऱी विगत् लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को ‘कांग्रेस मुक्त’ किए जाने का आह्वान ऐसे समय में किया गया था जबकि देश मंहगाई तथा भ्रष्टाचार से पूरी तरह जूझ रहा था। साथ-साथ मोदी के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने देश को मंहगाई व भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने का वादा […]
उमेश चतुर्वेदी क्या भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रश्न प्रदेश रहा सुदूर दक्षिण का राज्य केरल अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों में उम्मीद की नई किरण बनकर आएगा। यह सवाल राज्य की जनता से कहीं ज्यादा खुद सत्ताधारी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की अगुआ कांग्रेस पार्टी के अंदर ही गंभीरता से पूछा जा रहा […]
मोदी सरकार के विरूद्घ कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है। विरोध लोकतंत्र में आवश्यक होता है पर उसकी अपनी सीमाएं हैं। सकारात्मक विरोध सरकार के लिए नकेल का काम करता है, और उसे स्वेच्छाचारी बनने से रोकता है। स्वेच्छाचारिता लोकतंत्र को प्रतिबंधित और संकीर्ण करती है। लोकतंत्र में यह दुर्गुण प्रविष्ट न होने पाये, इसलिए […]
सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में भारत की संसद में जिस प्रकार का विरोधाभास दिखाई दे रहा है, उसमें लोकतंत्र की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं। अपने अपने पक्ष पर फेविकोल की तरह चिपकी हुई दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी टस से मस होने का नाम तक नहीं ले रहीं है। ऐसे […]
सुरेश हिन्दुस्थानी कहावत है कि किसी मामले में जब गढ़े मुर्दे उखाडऩे का खेल शुरू हो जाता है, तब कुछ ऐसी बातें भी उजागर हो जाती हैं, जिनकी किसी को उम्मीद तक नहीं होती है। ललित मोदी प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी को घेरने वाली कांग्रेस आज भी इस बात को लेकर सशंकित है, कि […]