अनिल द्विवेदी जैसे किसी ने बहते हुए दरिया को बोतल में बंद कर दिया हो और उसका जल उछलने को छटपटा रहा है, कुछ ऐसा हम भाजपा के साथ होता महसूस कर रहे हैं। इसे वरदान नहीं विडम्बना कह लीजिये कि मात्र नौ महीने पहले जिस नरेन्द्र मोदी को दिल्ली की जनता ने सातों लोकसभा […]