ऋषि दयानन्द के जीवन एवं कार्यों का देश व विश्व में समुचित व यथार्थ मूल्यांकन नहीं हुआ है। इसका प्रमुख कारण लोगों की सत्य जानने के प्रति उपेक्षा, स्व-स्व मत-मतान्तरों के प्रति अनुचित आदर भाव और भौतिक सुखों की प्राप्ति आदि प्रमुख कारण प्रतीत होते हैं। यदि देश व विश्व के लोगों में सत्य के […]