दिल्ली में ‘आम आदमी पार्टी’ की विजय अरविंद केजरीवाल का दिमाग वैसे ही फुला सकती है, जैसा कि 1984 में राजीव गांधी का फूल गया था और आठ माह पहले नरेंद्र मोदी का। राजीव गांधी, नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल को हम नेता न कहें, यह तो शुद्ध ज्यादती ही होगी, लेकिन आज के दिन […]