1962 में देश चीन के हाथों परास्त हुआ। तब हमारे तत्कालीन नेतृत्व ने अपनी भूलों पर प्रायश्चित किया और सारे देश को यह गीत गाकर रोने के लिए बाध्य किया-‘ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी।’….हम अपने उन शहीदों की पावन शहादत पर रो रहे थे-जिनके हाथों से बंदूक छीनकर हमने […]
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झूँठा और फरेबी देखो, बड़ी शान से जिन्दा है। भारत माता बिलख रही है, आजादी शर्मिन्दा है। नाच रहे हैं देखो नंगे, संसद के गलियारों में। शामिल कितने नेता मिलते, क़त्ल और हत्यारों में। झूँठे वादे यहाँ सभी के, सच से नाता तोड़ रहे। गैरों की क्या बात करें जब, अपने भ्राता छोड़ रहे। […]
ललित गर्ग पन्द्रह अगस्त हमारे राष्ट्र का गौरवशाली दिन है, इसी दिन स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का हार्द था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। […]
काहे की आजादी
अनिल कुमार पाण्डेयभारत १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। अंग्रेजों से राजनैतिक मुक्ति की ये ६९वीं वर्षगांठ है। आज देश को आजादी मिले सात दशक गुजर गये, बावजूद इसके आज भी हमारी मानसिकता का स्तर ठीक वैसा ही है जैसा कि आजादी के पहले का था। मानसिक गुलामी आज भी […]
न इतराएँ इस आजादी पर
– डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com स्वतंत्रता, स्वाधीनता, आजादी और ऎसे ही खूब सारे शब्दों को हमने इतना संकीर्ण बना डाला है कि अब आजादी की बातें कहने का न कोई धरम रहा है, न मायना। विराट अर्थों और व्यापक गहराइयों से भरे इन शब्दों की असलियत जानने की हम कोशिश करें तो हमारे नीचे […]
आजादी के 67 वर्ष और चुनौतियां
निर्भय कुमार कर्णआजादी के 67 वर्षों के गहरे उतार-चढ़ाव में भारत ने कई सफलताओं को अर्जित करते हुए विश्व पटल पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। भारत ने अपने आपको इतना महत्वपूर्ण साबित करा दिया है कि कोई भी देश इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। यही कारण है कि दुनिया के लगभग सभी देश भारत […]