हम सभी सामाजिक प्राणी हैं इसलिए समाज के लिए जीने और कुछ करने का माद्दा हमारे भीतर होना ही चाहिए। हम तभी तक सामाजिक हैं जब तक हमारे भीतर समाज के लिए कुछ करने की भावनाएं बरकरार रहा करती हैं। ऎसा नहीं होने पर हम असामाजिक की श्रेणी प्राप्त कर लेते हैं। यह अलग बात […]