हमें यह विचार करना चाहिए कि जैसे मानव शरीर जड़ और चेतन का अद्भुत संगम है, उसमें प्रकृति के पंचतत्व से बना नश्वर शरीर तथा अजर अमर-अविनाशी, आत्मा साथ-साथ रहते हैं उसी प्रकार कत्र्तव्य और अधिकारों का सम्बन्ध् है। कत्र्तव्य हमारी चेतना शक्ति शरीर में आत्मतत्व से जुड़े हैं जबकि अधिकार हमारे शरीर की इच्छाओं […]
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