अगर योग करने से भर से तेरा मजहब खतरे मे है तो छोड दो ऐसे मजहब कोरचना-कवि गौरव चौहान इटावा सूरज से नफरत करते ये चाँद सितारा देखो जी,गंगा को गाली देती जमुना की धारा देखो जी,संविधान की शीतलता पर चढ़ता पारा देखो जी,बैर-कपट से भरा हुआ है भाई चारा देखो जी. हिन्दू मुस्लिम भाई […]