शांता कुमार विश्व इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जहां किसी ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए घर-बार छोड़ दिया और फिर उसी मोक्ष को मातृभूमि की सेवा के लिए छोड़ दिया। ऐसे त्यागी और तपस्वी स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिन पर हम सब यह संकल्प करें कि अपने जीवन में उनके आदर्शों […]
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गुरू हरिराय का अपने पुत्र रामराय के प्रति व्यवहार गुरू हरिराय के लिए यह असीम वेदना और कष्ट पहुंचाने वाली बात थी कि उनका पुत्र बादशाह औरंगजेब की चाटुकारिता करने लगे। जबकि उन्होंने अपने पुत्र रामराय को दिल्ली जाने से पूर्व भली प्रकार समझाया था कि बादशाह के समक्ष कोई भी ऐसी बात ना तो […]
शिवाजी के पत्र का जयसिंह पर नही पड़ा कोई प्रभाव हमने पिछले आलेख में शिवाजी के उस पत्र को उल्लेखित किया था, जो उन्होंने जयपुर के राजा जयसिंह के लिए लिखा था। उस पत्र के अवलोकन से स्पष्ट हो जाता है कि शिवाजी मराठाभक्त नहीं हिंदू और हिंदूस्थान के भक्त थे। पर दुर्भाग्य की बात […]
उठो! स्वाभिमानी भारत के निर्माण के लिए. पाकिस्तान ने अपने जन्म के पहले दिन से ही भारत के लिए समस्याएं खड़ी करने का रास्ता अपनाया। पराजित मानसिकता के इतिहास बोध से ग्रसित भारत के शासक वर्ग ने पाकिस्तान द्वारा देश में और देश के बाहर बोयी गयी समस्याओं के काटने पर तो ध्यान दिया, पर […]