(यह आलेख हम पूज्य पिता महाशय राजेन्द्र आर्य जी की 24वीं पुण्यतिथि-13 सितंबर 2015 के अवसर पर प्रकाशित कर रहे हैं। अब से कुछ समय पश्चात श्राद्घ आरंभ होंगे। जिसे पितृकाल भी कहा जाता है। ऐसे अवसर पर यह आलेख समसामयिक है। (प्रस्तुति: सूबेदार मेजर वीर सिंह आर्य) आर्य समाज के पथ-प्रदर्शक एवं प्रवत्र्तक महर्षि […]
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