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महत्वपूर्ण लेख

सियासत का अखाड़ा बनी दादरी

पीयूष द्विवेदी इसे इस देश की सियासत की क्रूर व्यापकता कहें या हमारे सियासतदारों की संवेदनहीनता  कि यहाँ भूखे आदमी की रोटी से लेकर मुर्दा आदमी के कफऩ तक कहीं भी सियासत शुरू हो जाती है। जहाँ कहीं भी वोटों की गुंजाइश दिखी नहीं कि हमारे सियासतदां मांस के टुकड़े पर गिद्धों के झुण्ड की […]

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राजनीति

सियासत की भेंट चढ़ी एक अच्छी पहल-अरुण जेटली

भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा, पारदर्शिता, पुनर्वास और पुनस्र्थापना अधिनियम-2013 में संशोधन के लिए लाए गए अध्यादेश की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो गई। अध्यादेश का स्थान लेने के लिए विधेयक संसद की स्थायी समित के समक्ष लंबित है। इसमें अचरज नहीं कि देश में भूमि अधिग्रहण कानून की प्रकृति और भविष्य को लेकर […]

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राजनीति

याकूब मेमन की फांसी पर सियासत

विजय कुमार गुप्ता याकूब मेमन को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी दी है और यहां तक की राष्ट्रपति द्वारा भी मेनन के याचिका को ठुकराया जा चुका था। ऐसे में अगर मेनन को फांसी की सजा होती है तो इसमें उस व्यक्ति को बोलने का कतई अधिकार नहीं जो कानून और साक्ष्य के प्रति अपरिचित […]

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बाज आएं राजनीतिक दल जातिवाद की सियासत से

जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम ‘नीति आयोग की […]

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