संसार में जितने भी ऋषि, महात्मा हुये है-हालांकि उनकी आपस में तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि प्रत्येक अपने-अपने विषय में महान थे। परन्तु महर्षि दयानन्द को महर्षि की उपाधि इसलिये मिली क्योंकि अन्य ऋषियों ने जहां अपने-अपने धर्म या मान्यताओं का गुणगान किया वहीं महर्षि दयानन्द ने अपने धर्म व मान्यताओं का गुणगान तो […]
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भारत महापुरूषों की भूमि है। समय समय पर कभी मानव रूप में तो कभी आप्तपुरूषों के रूप में आर्यावत्र्त की इस देवभूमि में अवतरित होकर बहुत सी दिव्य आत्माओं ने सम्पूर्ण मानवता का कल्याण किया। स्वधर्म, स्वभाषा, स्वराष्ट्र, स्वदेशोन्नति, और स्वसंस्कृति के ध्वजवाहक, समग्रक्रांति के अग्रदूत, ‘कृण्वन्तो विश्वमाय्र्यम्’ अर्थात ‘सारे संसार को आर्य बनाओ’-श्रेष्ठ मानव […]
महाराणा सज्जनसिंह की स्वामीजी से प्रथम भेंट तो नवंबर 1881 में चित्तौड़ में ही हो गयी थी। उस समय ही मेवाड़ नरेश के हृदय में स्वामीजी के प्रति आदर और भक्ति के भावों का बीजारोपण हो गया था, तथा उन्होंने स्वामीजी से राजधानी उदयपुर आने का अनुरोध भी किया था। इसे क्रियान्वित करने का अवसर […]
” स्वामीजी महाराज पहले महापुरूष थे जो पश्चिमी देशों के मनुष्यों के गुरू कहलाये।… जिस युग में स्वामीजी हुए उससे कई वर्ष पहले से आज तक ऐसा एक ही पुरूष हुआ है जो विदेशी भाषा नहीं जानता था, जिसने स्वदेश से बाहर एक पैर भी नहीं रखा था, जो स्वदेश के ही अन्नजल से पला […]
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी महाराज की 194वीं जयन्ती के अवसर पर विशेष सम्पादकीय महर्षि दयानन्द के व्यक्तित्व को किसी एक आलेख में आबद्घ किया जाना सर्वथा असम्भव है। जो व्यक्ति सम्पूर्ण क्रान्ति का अग्रदूत बनकर अपने देश में आया और सम्पूर्ण मानवता के उद्घार व कल्याण का मार्ग अज्ञानान्धकार में भटकते विश्व समुदाय को देकर […]
अशोक प्रवृद्ध भारतीय जीवन एवं साधना में अप्रतिम महत्व रखने वाली सरस्वती भारतीय सभ्यता के उषाकाल से लेकर अद्यपर्यन्त अपने आप में ही नहीं,प्रत्युत अपनी अर्थ,परिधि एवं सम्बन्धों के विस्तार के कारण भी अत्यन्त महत्वपूर्ण रही है। सरस्वती शब्द की व्युत्पति गत्यर्थक सृ धातु से असुन प्रत्यय के योग से निष्पन्न होता है शब्द सरस,जिसका […]
प्रमोद भार्गव वैदिक कालीन नदी सरस्वती के अस्तित्व और उसकी भूगर्भ में अंगड़ाई ले रही जलारा को लेकर भूगर्भशास्त्री, पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों में लंबे समय से मतभेद बना है। यह मतभेद सैटेलाइट मैंपिग के बावजूद कायम रहा। यहां तक कि 6 दिसंबर 2004 को भारत सरकार के मानव संसान विकास मंत्री ने संसद में भी […]