सृष्टि नियमों के विरूद्घ मिथ्या सिद्घांत स्वतंत्रता सच्चिदानंद ईश्वरीय व्यवस्था का स्वाभाविक विधान है। संसार में कोई भी जीव ऐसा नही है और ना ही कोई वनस्पति ऐसी है जो किसी अन्य जीव या वनस्पति के आधीन करके ईश्वर ने उत्पन्न किया हो। ‘जीवम् जीवस्य भोजनम्’ का त्रुटिपूर्ण अर्थ करके यह मिथ्या और भ्रामक प्रचार […]